दीपक जलाने का धार्मिक स्तर पर महत्व – घर में रोज दीपक तो जलाते हो, कभी इसके बारे में जानने की इच्छा हुई है। (deepak jalane se kya hota hai) सनातन धर्म में दीपक जलाना काफी शुभ माना जाता है। आपको बता दें की दीपक जलाने की जो परंपरा है यह सनातन धर्म में करीब 5 हजार बर्षों से भी ज़्यादा पुरानी है।
जलते हुए दीपक को अग्नि का प्रतीक माना जाता है। पारसी समुदाय के लोग भी अग्नि को देवता मानकर उनकी पूजा करते हैं। हमारे वेद और पुराणों में अग्नि को देवता का रूप बताया गया है। इसी कारण सनातन धर्म में किसी भी शुभ काम में दीपक जलाना जरूरी मानते हैं। आइए आपको दीपक जलाने का धार्मिक महत्व समझाते हैं |
दीपक जलाने का धार्मिक कारण क्या है?
जलते हुए दीपक को अंधकार को दूर करने वाली रौशनी का स्त्रोत माना जाता है। इसे ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक मान्यताएं हैं की, दीपक जलाने से गरीबी को दूर भगाया जा सकता है साथ ही इससे अज्ञानता का अंधकार भी मिटता है। धर्म-शास्त्रों में भी धार्मिक उत्सव पर दीपक जलाना शुभ समझा जाता है।
सम संख्या में दीपक न जलाएं –
मान्यता है की, दीपक हमेशा विषम संख्या में ही जलाने चाहिए जैसे की, 13, 5, 3 आदि।(deepak jalane se kya hota hai) गौ माता के घी का दीपक जलाना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है की ऐसा करने से घर में लक्ष्मी माता का आगमन होता है। कुछ लोग द्वारा पूजा में दीप जलाने के लिए तिल के तेल भी इस्तेमाल किया जाता हैं।
दीपक से जुड़ी अन्य मान्यताएँ –
पौराणिक मान्यताओं के हिसाब से यदि आप घी का दीपक जलाने वाले हैं तो आपको उसमें इस्तेमाल बत्ती को रुई बनाना चाहिए। लेकिन तेल का दीपक जलाने के लिए आपको लाल धागे से बत्ती बनानी चाहिए।
घी का दीपक जलाते बात और ध्यान रखने वाली है की दीपक आपके बाएं हाथ की साइड हो और तेल का दीपक जलाने वाले हैं तो, दिये को हाथ के दाईं साइड रखना चाहिए।
नोट: यही कुछ दीपक से जुड़े हुए नियम और मान्यताएं थी जो आपको हमारे बड़े बुजुर्गों और धर्म-ग्रंथों में वर्णित है हालांकि, hindiraja.in इसकी पुष्टि नहीं करता है। आप किसी भी बात को फॉलो करने से पहले इस बिषय के जानकार से एक बार परामर्श जरूर कर लें।
Read More -: धूपबत्ती जलाने के फायदे ही नहीं पता, अभी जानिए और सही धूपबत्ती चुनिए