ग्रह के दोष से छुटकारा (grah dosh ko door karne ke kya kare),

सनातन धर्म में मौर के पंख का अपना एक अलग ही महत्व है। (grah dosh ko door karne ke kya kare) माना जाता है की मौर के पंख में प्रत्येक देवी-देवता और 9 ग्रह वसते है। धर्म से जुडी कहानियाँ बताती हैं की शिवजी ने माता पार्वती (भगवान शंकर जी की पत्नी) को पक्षी शास्त्र में वर्णित मौर के पंख के महत्व के बारे में बताया था। कहते हैं कि मौर का पंख सभी ग्रह-कलेश को दूर करने में बहुत ज्यादा कारगर सिद्ध होता है। चलिए हम आपको बताते हैं इसके इस्तेमाल के बारे में और इसके चमत्कार के बारे में –

मौर के पंख का शनि ग्रह की शांति हेतु इस्तेमाल –

जिन भी लोगों को शनि ग्रह के कारण बहुत परेशानी हो रही हैं, उनके लिए यह प्रयोग है की वे शनिवार को 3 मौर के पंख में नीचे की तरफ काला धागा बांधे और एक थाली में उन पंखों के साथ ही 3 सुपारियों को रखें। अब थाली पर गंगाजल का छिड़काव करें और एक मंत्र है, जिसका सही से जाप करें।

मंत्र – “ॐ शनैश्वराय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:”

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इस मंत्र को जाप आपको 21 बार करना है। जब आप 21 बार मंत्र का जाप पूरा कर लें उसके बाद 3 दीपक लें, ध्यान रहे दीपक मिटटी वाले होने चाहिए, उनमें तेल डालकर शनिदेव का अर्पित कर दें। इस प्रक्रिया से किसी भी व्यक्ति के शनि से संबन्धित दोष दूर हो जाते हैं और जिंदगी में खुशियाँ लौटकर आने लगती हैं।

चंद्र के लिए पंख का इस्तेमाल –

इसमें आपको आठ मौर के पंख लेने हैं, यह प्रयोग आपको सोमवार के दिन ही करना है। इन पंख के नीचे की तरफ सफेद धागा बांध लें और एक स्टील अथवा पीतल की थाली में आठ सुपारियां और इन सभी मौर के पंखों को रख लें।

अब पास में एक लौटे में गंगाजल रख लें और थाली पर छिड़कते हुए नीचे दिए मंत्र का सही से उच्चारण करें।

मंत्र: “ॐ सोमाय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:”

इस मंत्र का जप आपको 21 बार करना है, मंत्र की गिनती को न भूलें और पूरे मन से इस मंत्र को जपें। अब जिस दिन आपने चंद्र के लिए इस उपाय को किया है, उस दिन की रात को पांच पान के पत्ते लें और चंद्रमा को अर्पित करें और प्राथना करें और अपने सुखी जीवन के लिए आशीर्वाद मांगे।

अगर आप सच्चे मन से यह प्रयोग करेंगे तो आपको लाभ बहुत जल्दी ही महसूस होने लगेगा।

गुरु के लिए मौर का पंख है उपयोगी –

यह प्रयोग आपको बृहस्पतिवार को करना है, इसके लिए आपको दिन के समय मौर के 5 पंख के लेने हैं और इनके नीचे पीले रंग का धागा बाँधना है। इसके बाद आपको एक थाली लेनी है और उसमें 5 सुपारियां और ये सभी मौर के पंख रख लें। इसके बाद गंगाजल का छिड़काव करना है और साथ में एक मंत्र का जप करना है जो, नीचे लिखा है –

मंत्र – “ॐ बृहस्पते नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:”

इस मंत्र को 21 बार पूरी श्रद्धा के साथ जपना है। अब आपको 11 केले लेने हैं जिन्हें आप बृहस्पति देवता को अर्पित करेंगे और साथ में बेसन का प्रसाद बनाकर भी गुरु ग्रह को चढ़ाने से आपके गृह दोष दूर हो जाएंगे।

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डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सामान्य जानकारी और मान्यताओं के आधार पर लिखा गया है, HindiRaja.in इसमें से किसी भी तथ्य की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है, कृपया किसी भी बात को फॉलो करने से पहले इस बिषय के जानकार से परामर्श जरूर लें।

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