जब आप पोस्ट लिखना शुरू करते हैं तो, मन में यह सवाल ( कम शब्दों की पोस्ट भी कैसे रैंक करें | कितने शब्दों की पोस्ट लिखें ) तो आता ही होगा की, आखिर कितने शब्दों का पोस्ट लिखें, जो गूगल में भी न.1 पोजिशन पर रैंक होने के लायक हो । आप भी कुछ समय से देख रहे होंगे की,
गूगल पर ज्यादा शब्दों वाले पोस्ट ही No.1 पोजीशन पर रैंक कर रहे हैं, इसका क्या कारण है ? क्या हम बड़े-बड़े पोस्ट को कम शब्दों वाले पोस्ट से पीछे कर सकते हैं ?
जब आप पोस्ट लिखना शुरू करते हैं तो, मन में यह सवाल तो आता ही होगा की, आखिर कितने शब्दों का पोस्ट लिखें, जो गूगल में भी न.1 पोजिशन पर रैंक होने के लायक हो । आप भी कुछ समय से देख रहे होंगे की,
गूगल पर ज्यादा शब्दों वाले पोस्ट ही No.1 पोजीशन पर रैंक कर रहे हैं, इसका क्या कारण है ? क्या हम बड़े-बड़े पोस्ट को कम शब्दों वाले पोस्ट से पीछे कर सकते हैं ?
Note :- इस पोस्ट में मैने जो भी जानकारी शेयर की है, वह मेरा खुद का अनुभव है । आप इस जानकारी पर आँख बन्द करके विश्वास न करें ।
इस पोस्ट में हम इन्हीं सब प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास करेंगे । अगर आप नये ब्लॉगर हैं या फिर आपको बहुत समय से ब्लॉगिंग में सफलता नहीं मिल रही है तो, यह पोस्ट आपके लिए बहुत-बहुत महत्वपूर्ण है तो, चलिए शुरू करते हैं :-
★ गूगल में अच्छी रैंकिंग के लिए कितने शब्दों का ब्लॉग पोस्ट लिखें ?
वैसे तो बहुत सारे ब्लॉगर कहते हैं की, यह जरूरी नहीं है की, गूगल में नम्बर 1 पोजिशन के लिए आप ज्यादा शब्दों का पोस्ट लिखें लेकिन, मुझे 2021-22 में यह सही नहीं लगता है क्योंकि, मैं भी ज्यादातर देखता हूँ की, बड़े-बड़े पोस्ट ही गूगल में रैंक कर रहे हैं और यदि कोई कम शब्दों वाला पोस्ट रैंक भी कर रहा है तो, उससे ज्यादा शब्दों वाला पोस्ट आते ही, वह गूगल में पीछे हो जाता है लेकिन,
इससे यह निष्कर्ष नहीं निकलता की, केवल बड़े पोस्ट ही न.1 पोजिशन पर रैंक करेंगे क्योंकि, यदि आपके पोस्ट में वह जानकारी नहीं है जिसे खोजने के लिए यूजर ने आपके ब्लॉग को विजिट किया था तो,
आपके पोस्ट पर bounce rate बढ़ जाएगा और negative bounce back शुरू होते ही आपका पोस्ट, चाहे कितना भी ज्यादा शब्दों वाला हो, उसकी रैंकिंग धीरे-धीरे डाउन होने लगेगी इसलिए, यह जरूर ध्यान रखें कि यूजर का आपकी साइट पर विजिट करने का क्या उद्देश्य है ?
अगर आपको किसी भी कीवर्ड पर, अपने ब्लॉग को रैंक कराना है तो, सबसे पहले आपको यह देखना चाहिए की, उस कीवर्ड पर रैंक कर रहे शुरू के टॉप 5 पोस्ट में कितने शब्दों का पोस्ट लिखा हुआ है । चलिए उदाहरण से समझते हैं –
मान लेते हैं की, आपने सर्च किया है की, ब्लॉग से 50,000₹/महीना कैसे कमाए ? Google में इसे सर्च करने पर शुरू के 5 ब्लॉग को open करने पर पता चलता है की, 1-5 तक ब्लॉग ने क्रमशः 1000 शब्द, 1300 शब्द, 1600 शब्द, 1400 शब्द और 1150 शब्दों का पोस्ट लिखा हुआ है तो, ऐसे में आपको समझ जाना चाहिए की, इस कीवर्ड के लिए आपको 1500 शब्दों का पोस्ट लिखना चाहिए ।
★ ज्यादा शब्दों वाली पोस्ट ही ज्यादा क्यों रैंक करती है ?
ज्यादा शब्दों वाली पोस्ट के गूगल में रैंक करने के बहुत सारे कारण होते हैं, जो निम्नलिखित हैं –
1) ज्यादा जानकारी – गूगल को लगता है की, जिस पोस्ट में ज्यादा शब्द हैं, उसमें ज्यादा जानकारी बताई गई है और उस पोस्ट को लिखने वाले व्यक्ति को उस बिषय की पूर्ण नॉलेज है, जिस कारण वह उस टॉपिक को इतने ज्यादा विस्तार से समझा पाया है ।
2) Related Keywords का होना – अगर आप किसी भी एक टॉपिक पर विस्तार से लिखते हैं तो, उसमें आप उस टॉपिक से सम्बंधित, बहुत सारे छोटे-छोटे subtopics के बारे में भी लिखते हैं(जिनके बारे में लोग गूगल में सर्च करते हैं) तो,
जब गूगल का bot आपके पेज को क्रॉल करता है तो, उसे एक पेज के अन्दर ही बहुत सारे सम्बंधित कीवर्ड्स मिलते हैं और वह पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा कीवर्ड्स पर रैंक करके देखता है,( कम शब्दों की पोस्ट भी कैसे रैंक करें | कितने शब्दों की पोस्ट लिखें ) अगर उसके बाद userer experience अच्छा रहता है तो, वह पोस्ट न.1 पर आ जाती है ।
3) ज्यादा reading time – अगर एक पोस्ट 200 शब्दों का है और एक पोस्ट 2000 शब्दों का है तो, यह तो आप भी जानते हैं कि 2000 शब्दों की पोस्ट को पढ़ने में ज्यादा समय लगता है । अब यदि आपका पोस्ट गूगल पर दूसरे न. पर रैंक कर रहा है और यूजर ने पहले वाले लिंक पर क्लिक करके पढ़ना शुरू कर दिया, अब पहले पोस्ट में तो केवल 200 शब्द ही हैं तो, यूजर ने उसे एकदम पढ़ लिया ।
अब यदि उसी यूजर को उस बिषय के बारे में विस्तार से पढ़ना है तो, वह bounce back करेगा और दूसरे लिंक पर क्लिक करके देखेगा और अब 2000 शब्दों वाले पोस्ट को पढ़ेगा । 2000 शब्दों वाली पोस्ट को पढ़ने में उसे पहले की अपेक्षा अधिक समय लगेगा और गूगल को लगेगा की, पहले पेज में अच्छी जानकारी नहीं है, जिस कारण से आपका पोस्ट न.1 पर आ सकता है ।
या फिर यदि कुछ यूजर पहले लिंक पर क्लिक न करके दूसरे लिंक पर ही क्लिक करते हैं और पोस्ट को काफी समय तक पढ़ते हैं तो, गूगल को लगता है की, पहले वाले पोस्ट को विज़िटर्स कम समय तक पढ़ रहे हैं और दूसरे पोस्ट पर चाहे कम विज़िटर्स जा रहे हैं लेकिन,
अधिक समय तक पढ़ रहे हैं तो, ऐसे में वह दूसरे पोस्ट को भी कभी-कभी न.1 पोजिशन पर लाकर देखता है, user experience अच्छा होने पर दूसरी पोस्ट न.1 पर आ जाती है ।
★ इस पूरी प्रकिया में यह महत्वपूर्ण है कि, यूजर को क्या ज्यादा पसंद आता है ? यदि गूगल सर्च में आपका पेज न.1 पर रैंक करता है और आपके पेज पर केवल एक लाइन लिखी हुई है और यूजर को उस एक लाइन से ही पूरी जानकारी मिल जाती है और यूजर नीचे वाले पोस्ट को क्लिक ही नहीं करता है और जब एक दो बार गूगल दूसरे किसी पोस्ट को,
आपके पोस्ट से ऊपर रैंक कराता है तो, यूजर पहले वाले लिंक को छोड़कर दूसरे वाले(आपके ब्लॉग पोस्ट) लिंक को क्लिक करता है तो, आपके पोस्ट को गूगल सर्च में नीचे लाना बहुत ज्यादा मुश्किल है ।
★ क्या कम शब्दों वाले ब्लॉग पोस्ट से, ज्यादा शब्दों वाले ब्लॉग पोस्ट को गूगल सर्च में पीछे किया जा सकता है ?
जी हाँ! यह सम्भव तो है लेकिन, इसमें समय ज्यादा लग जाता है । अगर आपके ब्लॉग की authority अच्छी है तो, यह कार्य थोड़ा-सा आसान हो जाता है क्योंकि, authority अच्छी होने की बजह से यदि आपका ब्लॉग, गूगल सर्च में टॉप 5 या टॉप 10 में आ जाता है तो,
उसके बाद सारा खेल user experience का ही होता है । यदि यूजर को इन सभी सर्च रिजल्ट में आपका content सबसे ज्यादा पसंद आता है तो, आपके ब्लॉग पोस्ट को न.1 पर आने में समय नहीं लगेगा । चाहे आपका content 500 शब्दों का ही क्यों न हो । अगर आपके ब्लॉग की authority ज्यादा नहीं है तो, आपको उस पोस्ट के लिए बहुत सारे बैकलिंक बनाने की आवश्यकता होगी ।
आगे पढ़े – Mukhyamantri Abhyudaya Yojana का लाभ और आवेदन प्रक्रिया