90 परसेंट लाने के लिए क्या करना चाहिए (बहुत ही बहुमुल्य जानकारी)

बच्चों क्या आपने भी केवल परीक्षा में पास होना नहीं बल्कि, बहुत अच्छे अंकों के साथ पास होने का फैसला कर लिया है? क्या आप भी 90% अंकों के साथ टॉप करना चाहते हैं? यदि हाँ, तो यह पोस्ट आपके लिए है।

इस पोस्ट में वे सभी सीक्रेट और मेहनत करने के तरीके बताएंगे जिनको, सभी होशियार बच्चे फॉलो करते हैं और हर साल अच्छे अंकों से पास होते हैं।

सबसे पहले समझने वाली बात यह है की, दुनिया में कोई भी ऐसा तरीका नहीं है जिससे आप केवल एक रात पढ़कर 90% अंक ला पाएं। (बस आपने नकल न की हो) ।

यदि बात 70-75% की हो तो 1महीने या 2महीने में, कड़ी मेहनत करके आप इतने नम्बर ला सकते हैं लेकिन, 90% के लिए आपको कम से कम 6-8 महीने का समय लगेगा इसलिए पोस्ट में बताई गई रणनीति 6 महीने को ध्यान में रखकर ही बनाई गई हैं।

90% अंक लाने के लिए जरूरी बातें –

90% अंक लाने के लिए पूरे सालभर अच्छे से पढ़ाई करनी होती है। फिर भी यदि कोई बच्चा पेपर से 6 महीने पहले भी पढ़ाई को लेकर सिरियस हुआ है और वो नीचे बताई कुछ अहम बातों का ध्यान रखता है, तो भी 90% अंक लाए जा सकते हैं –

6 महीने पहले लक्ष्य और समय सारणी बनाए –

बच्चों चाहे आपके एग्जाम लोकल हों या बोर्ड एग्जाम हों, 90% अंक लाना कोई मजाक नहीं है अगर आप UP Board या बिहार बोर्ड से हैं तो आपके लिए यह बहुत ज्यादा मुश्किल हो जाएगा जबकि, CBSE बोर्ड वाले बच्चों के लिए 90% लाना बहुत ज्यादा मुश्किल नहीं है लेकिन, फिर भी कम से कम 6महीने पहले रणनीति बनानी ही पड़ेगी।

प्लानिंग से पढ़ने पर 90 परसेंट लाने में मदद मिलेगी,

6 महीने पहले आपको तीन तरह के लक्ष्य बनाने हैं, जिनमें से पहला लक्ष्य लंबे समय के लिए होगा जैसे, 6महीने बाद जब एग्जाम हो तो उससे पहले आपको सारा सिलेबस याद होना चाहिए।

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दूसरा लक्ष्य महीनेभर के समय के लिए तैयार करना होगा जिसमें, आप 1 महीने में क्या करना चाहते हैं, वो जानकारी होगी और तीसरा सबसे छोटा लक्ष्य होगा जिसमें आपको 1 दिन में करने वाली चीजें लिखनी होंगी।

जब आप इन तीन तरह के लक्ष्य बना लेंगे तो, आपको पता होगा की अगर आप 6 महीने में पूरा सिलेबस कवर करना चाहते हैं तो, आपको कितनी मेहनत रोज करनी होगी।

अगर अब आप इस मेहनत को करने के लिए तैयार हैं तो, रिजल्ट वाले दिन आपकी कड़ी मेहनत का फल आपके सामने होगा।

लक्ष्य बनाना कैसे है? अगर इस पर भी बात करें तो एक बात समझने वाली है की आपका टाइम टेबल इस बात पर फोकस करके नहीं बनना चाहिए की, आपको रोज कितने घंटे पढ़ना है बल्कि आपको यह पता होना चाहिए की, आज आपको कितना सिलेबस कवर करना है।

अगर आप इस तरह से अपने पूरे सिलेबस को छोटे-छोटे टुकड़ों में बात देते हैं तो, आपको पता होगा कि आपको कितनी मेहनत करनी है और कितनी रफ्तार से आगे बढ़ना है।

ध्यान रखें –

  • बिना लक्ष्य बनाए मंजिल कभी नहीं मिलती।
  • बिना समय सारणी बनाओ, समय तेजी से हाथ से निकल जाएगा।
  • समय सारणी में पढ़ने का समय तो होगा लेकिन, पढ़ाई इस बात को ध्यान में रखकर होगी की आज कितना पढ़ना है।

बिना अनुशासन के सफलता नहीं –

अक्सर हम रिजल्ट वाले दिन उस बच्चे को देखते हैं, जिसमें टॉप किया होता है। उस दिन हम उस होशियार बच्चे को देखते हैं तो वो बहुत खुश होता है। बहुत सारे बच्चे उस दिन, उस बच्चे से ज्यादा नंबर लाने के बारे में सोचते हैं लेकिन, उनसे एक गलती हो जाती है।

90 परसेंट लाने के लिए अनुशासन जरूरी है,

बच्चों वो गलती है केवल उसकी खुशी वाली साइड देखना। टॉप न करने वाले बच्चे उस टॉपर बच्चे के उस अनुशासन को नहीं देखते हैं, जब उसने पूरी-पूरी रात की नींद खराब करके पढ़ाई की, जब उसका मन भी सोने को कर रहा था।

टॉपर बच्चा अपने समय को मैनेज करना जानता है और वह अपने मन को समझाना भी जानता है। ज्यादातर बच्चे कभी टॉपर नहीं बन पाते क्योंकि, वे केवल ट्रॉफी लेने के लिए खुद को तैयार करते हैं, मेहनत करने के समय वे अपने मन को नहीं समझा पाते।

ये जरूरी है –

  • अगर टॉपर बनना है तो, हर रोज पूरी नींद लेने का मौका नहीं मिलेगा।
  • अपने मन को बार-बार मनाना होगा और न चाहते हुए भी पढ़ाई करनी होगी।
  • दोस्तों के साथ बिताने वाले समय को कम करना होगा। (टॉपर होने की खुशी के लिए छोटी-छोटी खुशी जैसे – टाइमपास करने की आदत, दोस्तों से घंटो बात करने की आदत, किसी भी अन्य काम को ज्यादा समय देने की आदत को छोड़ना होगा।)

अभी मैं आपको टॉपर बच्चों के कुछ विशेष गुण के बारे में जानकारी दे रहा हूँ। आगे मैं आपको वो तरीके भी बताऊंगा जिनको फॉलो करने पर कोई भी बच्चा टॉप कर सकता है।

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ज्यादातर पोस्ट्स में आपको बताया जाता है की, 7-8 घण्टे की अच्छी नींद लेनी जरूरी है लेकिन, टॉपर बच्चा यह बात जानता है की, 8घंटे सोने से बॉडी A+ रह सकती है लेकिन एग्जाम में मार्क्स A+ नहीं रह पाएंगे।

बच्चों के लिए 5-6 घंटे सोने का समय पर्याप्त है और कभी-कभी 4घंटे सोकर भी काम चलाने में कोई समस्या नहीं है।

इंटरनेट का सही इस्तेमाल करना –

बच्चों का मन पढ़ाई से हटता जा रहा है, सोशल मीडिया इसका सबसे बड़ा जिम्मेदार है। बच्चे सोशल मीडिया पर घण्टों समय बर्बाद कर रहे हैं और कुछ बच्चे ऑनलाइन गलत तरह का कॉन्टेंट देखकर अपनी हेल्थ और अपना कीमती समय दोनों को बर्बाद करने में लगे हुए हैं।

90% के लिए इंटरनेट का सही इस्तेमाल करें,

अगर टॉपर बनना है तो आपको मोबाइल या किसी भी डिवाइस को अपने फ़ायफे के लिए इस्तेमाल करना सीखना होगा। मुझे लगता है की यदि आप दिन में 2-3 घंटे सोशल मीडिया पर केवल माइंड फ्रेश करने के चक्कर में बेकार कर रहे हैं तो, आपको 90% अंक लाने का सपना छोड़ देना चाहिए।

अगर आप चाहकर भी सोशल मीडिया नहीं छोड़ पा रहे हैं तो, इसका समय घटाकर ज्यादा से ज्यादा आधा घण्टा कर दीजिए।

हाँ, ऑनलाइन माध्यम से आप नोट्स या पढ़ाई से रिलेटेड चीजे देख सकते हैं, जिसके लिए यूट्यूब एक अच्छा प्लेटफॉर्म है लेकिन, इंस्टाग्राम से आपको दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

महत्वपूर्ण बातें –

  • 90 पपरसेंट अंक लाने के लिए सोशल मीडिया से दूरी बनाना बहुत ज्यादा जरूरी है।
  • नोट्स आदि के लिए यूट्यूब का इस्तेमाल करना अच्छा है।
  • अगर इस बार आपका बोर्ड एग्जाम है तो, यूट्यूब से Paid Course Buy करना भी फायदेमंद रहता है।

95 परसेंट का लक्ष्य ही सफलता दिलाएगा –

अगर 90 परसेंट नंबर लाने हैं तो लक्ष्य 95% का बनाकर चलना होगा। आपको इतने नंबर केवल तभी मिल सकते हैं जब आपको पूरे सिलेबस में से किसी भी टॉपिक के बारे में डाउट न हो।

किसी भी बिषय में पकड़ कमजोर होना, आपको आपके लक्ष्य से दूर कर सकता है। इसलिए किसी भी बिषय को बिल्कुल ही आसान समझकर कम पढ़ने की गलती न करें। केवल गणित और विज्ञान पर ही फ़ोकस न करें।

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समय सारणी बनाते हुए भी ध्यान रखने वाली बात है की एक दिन में एक बिषय पढ़ने के बजाय सभी बिषय को रोजाना पढ़ना अच्छा है।

सही बात है –

  • 90 परसेंट लाने वाले बच्चे अधिक का लक्ष्य बनाकर चलते हैं।
  • 90 परसेंट लाने के लिए प्रत्येक बिषय पक्का होना चाहिए।
  • बिना टाइम टेबल फॉलो किए 90% अंक लाना असंभव है।

हैंडराइटिंग में सुधार अभी से करते चलिए –

अभी तक बोर्ड परीक्षा या किसी भी ऐसी परीक्षा जहाँ आपको विस्तृत उत्तर लिखना होता है, वहाँ ऑनलाइन एग्जाम नहीं होता है, इसलिए आपकी हैंडराइटिंग बहुत ही बड़ा रोल प्ले करती है। वैसे अभी पिछले कुछ सालों में देखा गया है की बोर्ड एग्जाम में हैंडराइटिंग पे नंबर कम ही कट रहे हैं। (यह आपके स्टेट में अलग भी हो सकता है)

ऐसे में जिन बच्चों का हैंडराइटिंग कम अच्छा भी है, वे भी अच्छे अंक ला पा रहे हैं लेकिन, फिर भी यदि हैंडराइटिंग पे थोड़ा-सा काम किया जाए तो, कॉपी चेक करने वाले टीचर को अच्छे अंक देने के लिए मनोवैज्ञानिक दबाब बनाया जा सकता है।

टीचर न चाहते हुए भी अच्छे हैंडराइटिंग वाले बच्चे को अधिक अंक दे ही देता है, इसके विपरीत यदि हैंडराइटिंग अच्छा नहीं है तो पूरा लिखने के बाद भी मार्क्स कम आने की संभावना तो होती ही है।

हमारे ब्लॉग पर लिखी गई हैंडराइटिंग को सुधारने के तरीके वाली पोस्ट, हैंडराइटिंग सुधारने में आपकी मदद कर सकती है।

सही संगत चुनिए –

ऐसे बच्चे जो बहुत ज्यादा होशियार हैं, यदि आप ऐसे बच्चों के साथ दोस्ती करते हैं और होशियार बच्चों के ग्रुप में रहते हैं तो, आपको ऐसे बच्चों से बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

इन बच्चों के साथ रहकर आप सीखते हैं की, किसी भी टॉपिक को ये बच्चे याद कैसे करते हैं, ये बच्चे अपना समय कैसे मैनेज करते हैं, इनको क्या-क्या पसंद है, इनका अपने भविष्य को लेकर क्या विचार है आदि।

आप केवल संगत बदलकर ही अपने लक्ष्य को पाने के नजदीक पहुँच जाते हैं क्योंकि, होशियार बच्चों के साथ रहने पर आपको खुद ही उनसे ज्यादा मार्क्स लाने का मन होगा और आप भी अच्छे से पढ़ाई करेंगे।

साथ ही अगर बच्चे आपके सच्चे दोस्त होंगे तो, वे आपको अच्छे अंक लाने में मदद भी करेंगे।

निष्कर्ष –

तो बच्चों आशा करता हूँ आपने इस पोस्ट से बहुत ही सारी जानकारी समेट ली होगी। इस पोस्ट में टॉपर बनने या 90% अंक लाने के केवल एक-दो तरीके पर नहीं बल्कि, बहुत सारे अलग-अलग तरीकों पर बात की है, क्योंकि यदि कोई भी विद्यार्थी अच्छे अंक लाना चाहता है तो, उसे अपने पढ़ाई के तरीके, रहन-सहन के तरीके आदि बदलने पड़ते हैं।

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अगर आप उपरोक्त सभी टिप्स को अनुशासन के साथ फॉलो करेंगे तो, 90% अंक लाना बहुत ज्यादा मुश्किल कार्य भी नहीं है लेकिन, इतने अंक आएंगे उसी विद्यार्थी के जो अपनी नींद के साथ समझौता करके और रोज का थोड़ा-थोड़ा समय अन्य कार्यों में खराब करने के बजाय पढ़ाई के लिए तैयार होगा।

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