कंपटीशन की तैयारी कैसे करें – क्या आपको भी मेरी तरह सरकारी नौकरी करनी पसंद है लेकिन, उसके लिए कॉम्पिटिशन में तो उतरना ही पड़ेगा। यदि आपके पास तैयारी का सही प्लान होगा तो, आपका सरकारी नौकरी का यह सपना साकार हो सकता है।
ऐसे बहुत सारे स्टूडेंट्स जो अभी स्कूल या कॉलेज में हैं वे अपने स्कूल या कॉलेज के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के बारे में सोचते हैं लेकिन, उनको एक सही रास्ता नहीं पता होता है कि तैयारी की शुरुआत कैसे करनी है।
अगर आप किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की फाइनल लिस्ट में आना चाहते हैं तो, आज की इस शानदार पोस्ट को एक बार पढ़ने के बाद आपको आपके बहुत सारे सवालों के जबाब मिल जाएंगे और आपको पता चल जाएगा की, आप जिस भी कंपीटीशन वाले एग्जाम की तैयारी करना चाहते हैं उसके लिए आपको किस तरह से योजना बनाकर पढ़ाई करनी चाहिए।
कंपीटीशन की तैयारी के लिए 10 बातें –
यकीन कीजिए पोस्ट में बताई 10 बातें ही वे महवपूर्ण टिप्स हैं, जो प्रत्येक टॉपर को तैयारी के पहले दिन से पता होती है। आइये जानते हैं वे 10 बातें कौन सी हैं, जिन्हें टॉपर बनने वाला हर बच्चा कॉम्पिटिशन की तैयारी के वक्त फॉलो करता है –
एक टारगेट रखें –
शुरुआत में जब बच्चे 12th पास कर लेते हैं और कुछ बच्चे जो ग्रेजुएशन पास करने के बाद सरकारी नौकरी के लिए किसी भी एग्जाम की तैयारी शुरू कर देते हैं और कोशिश करते हैं कि वे ज्यादा से ज्यादा एग्जाम दें।
यकीन मानिए इस तरह से आप किसी भी एग्जाम को क्रैक नहीं कर पाएंगे। शुरुआत में एक-दो एग्जाम यह देखने के लिए दिए जा सकते हैं कि, एग्जाम हॉल में माहौल कैसा होता है, टाइम को कैसे मैनेज करना होता है लेकिन, अगर आप प्रत्येक एग्जाम को टॉप करने के लिए मेहनत करेंगे तो, सफलता जल्दी मिलने के बजाय देर से मिलेगी।
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कोशिश करें की किसी एक परीक्षा को पास करने का ही टारगेट बनाए और पूरा समय उसी एक लक्ष्य को पूरा करने के लिए लगाएं। ये 4 स्टेप्स फॉलो करें –
- अपने लक्ष्य को पेपर पर लिखें।
- उस लक्ष्य को चुनने का कोई मजबूत कारण लिखें।
- लक्ष्य को कितने समय में प्राप्त करना चाहते हैं, यह भी लिखें।
- मनपसंद कार्य पाने के लिए रोज कितने घण्टे पढ़ना जरूरी है, वह भी लिखें।
अब इस पेपर को दीवार पर चिपका दें और यदि किसी अन्य को इसके बारे में नहीं पता चलने देना चाहते हैं तो, इसे किसी सुरक्षित जगह रख लें लेकिन, रोज 1 बार जरूर देखें।
समय मैनेज करना पड़ेगा –
जो बच्चे बड़े-बड़े एग्जाम जैसे UPSC, SSC CGL आदि की तैयारी भी कर रहे होते हैं, उनमें से भी बहुत ज्यादा बच्चे इसलिए ही नंबर नहीं ला पाते हैं क्योंकि, वे अपना समय ही नहीं मैनेज कर पाते हैं।
अगर आपको बड़े एग्जाम को निकालना है तो, प्रत्येक मिनट कीमती है। यदि आपका समय तेजी से निकल जाता है और आप चाहकर भी उसे मैनेज नहीं कर पाते हैं तो, आपको शुरुआत में ही किसी बड़े एग्जाम को न चुनकर किसी कम कॉम्पिटिशन वाले एग्जाम को देना चाहिए।
समय मैनेज करना इतना भी आसान काम नहीं है। अगर आप ऑफिसर बनने से पहले ही गाड़ी बंगले के वीडियोस यूट्यूब पर देखने में ज्यादा व्यस्त रहेंगे तो, सपना केवल सपनों में ही पूरा होकर रह जाएगा। समय बर्बाद न हो इसलिए फॉलो करें ये तरीके –
- मोबाइल में अलार्म लगाएं।
- पढ़ाई के बीच ब्रेक रखें लेकिन ज्यादा बड़ा नहीं।
- छोटे ब्रेक में दोस्तों के साथ घूमने न निकलें।
- रोज रात को सोने से पहले अपने टारगेट्स देखें की, आपने कितने पूरे किए।
- आज समय बर्बाद के कारण को खोजें और वह गलती कल न दोहराएं।
- शुरुआत में कठिन टाइम टेबल न बनाएं।
- होशियार बच्चों का टाइम टेबल कॉपी न करें बल्कि, खुद का टाइम टेबल बनाएं।
सिलेबस को अच्छे से समझें –
किसी भी एग्जाम के सिलेबस को यदि बच्चा ध्यान से पढ़े तो, उसको यह खुद ही पता चलने लगता है कि इस एग्जाम में पास होने के लिए प्लान कैसा बनाना पड़ेगा। किस टॉपिक से किस तरह के प्रश्न आ सकते हैं?
सिलेबस को केवल एक बार पढ़कर तैयारी शुरू न करें बल्कि, सिलेबस का प्रिंटआउट निकलवा लें और उसको कमरे में चिपका लें और रोज उसपर निगाह रखें। आप रोज सिलेबस को देखते रहें और जानते रहें कि अभी और कितना पढ़ना बाकी है।
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अगर आप समय को सही से मैनेज करते हुए पर्याप्त समय पढ़ाई को नहीं दे रहे होंगे तो, आप दीवार पर चिपके सिलेबस से निगाह नहीं मिला पाएंगे। अगर आप रोज सिलेबस देखते हैं तो समझो मेहनत सही चल रही है।
अपनी क्षमता को बढ़ाने की कोशिश –
हर बार जब भी आप पढ़ने बैठेंगे तो कुछ समय बाद आपका दिमाग थक जाएगा लेकिन, आपको मन की बात नहीं माननी है बल्कि, आपको जबर्दस्ती थोड़ी देर तक और पढ़ाई करनी है। चाहे जबर्दस्ती पढ़ने से आपकी कुछ भी याद न हो फिर भी आपको पढ़ना है।
ऐसाकरने से आपके अंदर ज्यादा से ज्यादा देर तक लगातार पढ़ने की आदत बनेगी जो किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है।
आप इस तरह यदि 1 महीने तक अपने मन की बात न मानकर अपनी देर तक पढ़ने की क्षमता को बढ़ा लेंगे तो, बड़ी-बड़ी परीक्षाओं के लिए जब 10-12 घण्टों तक पढ़ाई करनी होगी तो, वहाँ भी आप बिना ज्यादा मुश्किल के सफलता प्राप्त कर पाएंगे।
ऑनलाइन चुनें –
अगर आप प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी ऑनलाइन माध्यम से करेंगे और सेल्फ स्टडी पर ज्यादा ध्यान देंगे तो, आप अपना बहुत सारा समय बचा लेंगे। आप उस समय को भी पढ़ाई करने या किसी अन्य जरूरी काम करने के लिए इस्तेमाल कर पाएंगे, जिसमें अन्य बच्चे कोचिंग सेंटर जाने में खराब करते हैं।
आजकल ऐसे बहुत सारे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म मौजूद हैं जो, बड़ी ही कम फीस में क़्वालिटी कोर्स उपलब्ध करा रहे हैं। जैसे यदि फिलहाल की बात करें तो PW, Khan Sir के अलावा और भी बहुत सारे प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन टीचर हैं।
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आप यदि खुद अपने आप को मनाकर पढ़ने के लिए बैठ सकते हो तो, ऑनलाइन कोर्सेस आपकी बहुत ज्यादा मदद कर सकते हैं। ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई करना आपके पैसे और समय दोनों की बचत के लिए अच्छा है।
टॉपर्स को सुनें –
कुछ मामलों में टॉपर्स को कॉपी करना गलत है, जिसमें टॉपर बच्चों का टाइम टेबल कॉपी करना शामिल है। लेकिन बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जो आपको टॉपर बच्चों से सीखनी चाहिए जैसे उन्होंने किस तरह से समय को मैनेज किया, उन्होंने किस तरह से अपने स्वास्थ्य को मैनेज किया, उन्होंने पढ़ाई के दौरान आने वाले आलस और फेल होने के डर को कैसे दूर किया?
टॉपर बच्चे अपनी उन गलतियों के बारे मे भी बताते हैं जो, अन्य बच्चों को करने से बचना चाहिए इसलिए, आप जिस भी एग्जाम को क्रैक करना चाहते हैं, उसमें हर साल टॉप करने वाले बच्चों के इंटरव्यू जरूर देखें। यूट्यूब पर इस तरह के बहुत सारे इंटरव्यू मौजूद रहते हैं।
हमेशा ज्यादा से ज्यादा चीजों को दूसरों की गलतियों से सीखकर सुधार करने पर ध्यान दोगे तो, सफलता मिलने में बहुत कम समय लगेगा।
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महीने के 25 दिन मोटिवेटेड रहें –
यह बहुत जरूरी है कि आप अपनी ड्रीम सर्विस को पाने के लिए हमेशा अलग ही जोश में रहें और उसी उत्साह का इस्तेमाल आप पढ़ाई करने में करें क्योंकि, इसके जरिए ही आप सरकारी चाकरी प्राप्त कर सकते हैं।
जब विद्यार्थी किसी भी एग्जाम की तैयारी शुरू करता है तो, शुरुआत में तो बहुत ज्यादा मोटीवेट रहता है लेकिन, जैसे जैसे समय बीतता है तो, बहुत सारे डाउट खुद के बारे में भी आने लगते हैं और यदि असफल होने की संभावना ज्यादा हो तो, बच्चा डिमोटिवेट होने लगता है।
यह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स से काफी सुनने को मिलता है कि बीच बीच में वे भी काफी डिमोटिवेट हो जाते थे। यह सभी के साथ होता है लेकिन, हद से ज्यादा डिमोटिवेट रहकर आप एग्जाम नहीं निकाल पाएंगे।
यदि महीने में 25 दिन आप मोटिवेट रहते हैं और अच्छे से पढ़ाई कर पा रहे हैं और 5 दिन आप डिमोटिवेट फील कर रहे हैं तो, इतना तो चलता है।
शुरुआत में ग्रुप स्टडी बेस्ट है –
वैसे हमारा मानना है कि ग्रुप स्टडी में बच्चे का समय ज्यादा खराब होता है लेकिन, शुरुआत में जब आपको नहीं पता होता है कि क्या पढ़ना है और कैसे पढ़ना है और नोट्स किस तरीके से बनाए जाते हैं तो, ऐसे में ग्रुप स्टडी से आपको बहुत हेल्प होगी।
अगर आप सही संगत चुन लेते हैं तो आपकी कठिन यात्रा भी बहुत आसान बन जाएगी क्योंकि, यदि वे बच्चे पढ़ाई करेंगे तो आप भी चैन से सो नहीं पाएंगे और आपके बीच खुद ही एक प्रतियोगिता बनी रहेगी।
आप भले ही यह बात न सोचें लेकिन आप कभी भी नहीं चाहेंगे कि आप ग्रुप में सबसे कमजोर विद्यार्थी रहो इसलिए, आप होशियार बच्चों के ग्रुप में रहकर खुद ही मेहनत से पढ़ाई करेंगे और उनसे आगे निकलने का हर समय प्रयास करेंगे। यही प्रयास आपको सफल बनाएगा।
ईमानदारी से मेहनत करें –
किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते वक्त यदि आप ईमानदारी के साथ पढ़ाई नहीं करेंगे तो, सफलता शायद ही मिले। अगर आप परीक्षा की तैयारी केवल इसलिए कर रहे हैं क्योंकि, आपके माँ-बाप आपको इसके लिए बोल रहे हैं, ऐसे में आप अपना 100% अपनी तैयारी को शायद न दे पाएं।
कोशिश करें की किसी भी एग्जाम की तैयारी केवल किसी के कहने पर नहीं बल्कि, खुद की इच्छा होने पर ही करें वरना, आप ईमानदारी से मेहनत नहीं कर पाएंगे और सफलता उन्हीं बच्चों को मिलती है जो रोज ईमानदारी के साथ 8-10 घण्टे का समय पढ़ाई को देते हैं।
लगातार पूछे जाने वाले प्रश्न:
Q. कम्पटीशन के लिए क्या-क्या पढ़ना होता है?
यह निश्चित नहीं होता है। प्रत्येक फील्ड में जाने के लिए अलग-अलग तरह की समझ की जरूरत होती हैं। प्रत्येक प्रतियोगी परीक्षा के लिए मुख्य बिषय अलग-अलग होते हैं।
Q. घर पर कंपटीशन की तैयारी कैसे करें?
घर पर रहकर आप किसी टीचर की सलाह से सेल्फ स्टडी कर सकते हैं या ऑनलाइन कोर्स या यूट्यूब पर वीडियोस की मदद से तैयारी की जा सकती है।
Q. भारत में सरकारी नौकरी के लिए कितने एग्जाम होते हैं
पूरे भारत में सरकारी नौक*री के लिए, सरकार द्वारा कराए गए एग्जाम की संख्या लगभग 50 के आस-पास है।
अंतिम शब्द –
बहुत सारे बच्चे फेल होने के बाद कंपीटीशन निकालने को नसीब का खेल मानने लगते हैं। आपको बता दें कि यह ख्याल मन की तसल्ली के लिए अच्छा है, वरना कॉम्पिटिशन निकालना सही दिशा में की गई मेहनत का परिणाम है, केवल नसीब से कुछ नहीं होता।
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अगर आप ऊपर बताई जानकारी का इस्तेमाल किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते वक़्त करेंगे तो, आपको खुद ही लगेगा कि आपकी तैयारी की रफ्तार काफी बढ़ गयी है।