कौन थे गुरु गोविंद सिंह, धर्म-रक्षा के लिए मुगलों को चटाई थी धूल

गुरु गोविंद सिंह जी सिख धर्म के 10वें और अंतिम गुरु हैं।(kaun the guru govind singh) ये सिख धर्म के 9वें गुरु तेगबहादुर की संतान थे। इनका जन्म बिहार की राजधानी पटना में हुआ था। आपको बता दें की सिख धर्म इनका योगदान काफी ज्यादा है। इसके बचपन का नाम गोविंद सिंह जी नहीं बल्कि गोविंद राय था।

पटना में जहाँ पर गुरु गोविंद सिंह जी जन्मे थे उस जगह को अब लोग ‘पटना साहिब’ के नाम से जानते है। गुरु गोविंद सिंह जी की वीरता के अनेको किस्से हैं, इनकी वीरता को आप इन पंक्तियों से महसूस कर सकते हैं – ‘सवा लाख से एक लड़ाऊं चिड़ियों सों मैं बाज तड़ऊं तबे गोबिंद सिंह नाम कहाऊं‘।

गुरु गोविंद सिंह की जंयती प्रत्येक बर्ष पौष के महीने में शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मनाई जाती है। चलिए आपको बताते हैं की इसको लोगों द्वारा कैसे मनाया जाता है –

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10वें गुरु ने दिए थे ये जीवन-सिद्धांत –

गुरु गोविंद सिंह ने जीवन को जीने के पाँच सिद्धांत दिए हैं, (kaun the guru govind singh) इन सभी सिद्धांतों को ‘ककार’ कहा जाता है। इन ककार को प्रत्येक खालसा सिख को धारण करना जरूरी बताया गया है, जिसमें केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा शामिल है। कहते हैं की इनके बिना किसी भी खालसा का वेश पूर्ण नहीं होता है।

किस तरह मनाते हैं इनकी जयंती –

लोगों द्वारा इसकी जयंती को मनाने का तरीका काफी खास है। इनकी जयंती वाले दिन सुबह के समय काल सिख प्रभातफेरी निकालते हैं। इसके बाद ये लोग गुरुद्वारे में कीर्तन का आयोजन करते हैं। इस मौके पर कुछ जगहें ऐसी हैं जहाँ पर गुरुद्वारों के आसपास सिख, खालसा पंथ की झांकियां निकालते हैं। इन झांकियों को इसलिए निकाला जाता है ताकि गुरु गोविंद सिंह के कार्यों से लोगों को प्रेरित किया जा सके।

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क्या हैं गुरु गोविंद सिंह जी के अनमोल वचन –

भगवान की भक्ति का अर्थ मनुष्य से ही प्रेम करना है।

गुरु गोविंद सिंह जी का विचार था कि उन्हें केवल वे लोग पसंद हैं, जो सच्चाई को नहीं छोड़ते जो हमेशा सच्चाई के रस्ते पर चलते हैं।

Disclaimer – इस आर्टिकल में बताई गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं के आधार पर लिखी गई हैं। HindiRaja.in इनकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनमें से किसी भी बात को फॉलो करने से पहले इस बिषय के जानकार से जानकारी जरूर लें।

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