9+ गजब तरीके: बच्चों को कैसे पढ़ाएं (घण्टों तक पढ़ेंगे बच्चे)

बच्चों को कैसे पढ़ाएं – कुछ पेरेंट्स बच्चों को पढ़ाने में बहुत ज्यादा कठिनाई महसूस करते हैं, बच्चे उनका कहना नहीं मानते हैं और अगर वे पढ़ने बैठ भी जाते हैं तो, उनका ध्यान और ही कहीं रहता है।

अगर आपके साथ भी ऐसा होता है की, आपका बच्चा सीरियस होकर पढ़ाई नहीं करता है और हर वक्त खेल की और ही उसका ध्यान जाता रहता है तो, यह पोस्ट आपके लिए है। अगर आप एक टीचर हैं और स्कूल में छोटे बच्चों को पढ़ाती हैं तो, यह पोस्ट आपके लिए भी बहुत महत्वपूर्ण पोस्ट है।

इस पोस्ट में हमने 12 ऐसे तरीके बताए हाँ जो, आपको छोटे बच्चों को अच्छे से पढ़ाने में मदद करेंगे। चलिए इन कारगर टिप्स को जानते हैं –

#1. बच्चों को छोटे-छोटे टास्क दें –

कई बार स्कूल टीचर भी यह गलती करती हैं की, छोटे-छोटे बच्चों को बहुत सारा वर्क (चाहे वह याद करने का हो या केवल लिखने का हो) एक साथ ही दे देती हैं, जिससे बच्चे इतने सारे वर्क को देखकर ही पढ़ने नहीं बैठते हैं।

इसके बजाय अगर आप बच्चों को थोड़ा-थोड़ा वर्क करने के लिए बैठाए तो, बच्चे पढ़ाई करने बैठ जाते हैं। अगर आप पेरेंट्स हैं तो आपको अपने बच्चे को बहुत थोड़ा-सा वर्क करने के लिए, (ऐसा बोलकर) पढ़ने के लिए बैठाना चाहिए।

छोटे-छोटे टास्क में आप पूरे दिन के हिसाब से वर्क को बाँट सकते हैं। इससे बच्चे बोर नहीं होते हैं। हाँ, आप चाहें तो कभी-कभी एक टास्क पूरा होने के बाद आप और थोड़े से वर्क करने के लिए बच्चे को बोल सकते हैं (बच्चा अपनी मर्जी से देर तक पढ़ाई करे उसके लिए अन्य टिप्स पढ़ें)

#2. बेबजह पढ़ाई का दबाब न बनाए –

कुछ माँ-बाप बच्चों को पूरे दिन पढ़ने के लिए मजबूर करते हैं। बच्चे ऐसे माँ-बाप से काफी गुस्सा भी रहते हैं और बात सुनना भी कम कर देते हैं। इसके बाद अगर आप उनकी पिटाई भी करते हैं तो, बच्चे उल्टा जबाब देने लगते हैं और बात नहीं मानते हैं।

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अगर आप चाहते हैं की बच्चे आपकी बात मानें तो, आपको भी बच्चों की कुछ बात माननी चाहिए जैसे, उनके ऊपर हद से ज्यादा पढ़ाई का प्रेशर न डालें, इससे जब आप बच्चे को पढ़ने के लिए बोलेंगे तो, वह आपकी बात मानेगा भी।

#3. टाईमटेबल से बच्चे को पढ़ाएं –

अभी हमने उपरोक्त पॉइंट में बताया है की बच्चे को पूरे दिन पढ़ने के लिए नहीं बोलना है बल्कि, सबसे अच्छा तरीका है की आप एक टाइमटेबल बना लें।

बच्चों को समय के हिसाब से पढ़ाएं बच्चे को पता रहेगा की, इस समय पढ़ना ही है और इस समय खेलना ही है तो, बच्चा पढ़ने में बहाने नहीं बनाएगा। टाईमटेबल को फॉलो करने के लिए आपको बच्चे पर थोड़ा प्रेशर बनाना चाहिए।

#4. टास्क पूरा करने पर इनाम दें –

बच्चे जब कोई गलत काम कर देते हैं तो, उनके नन्हे गालों पर ज्यादातर माँ-बाप तुरंत थप्पड़ रसीद कर देते हैं वहीं, जब बच्चा कुछ अच्छा काम करता है तो, माँ-बाप बच्चे को कुछ इनाम नहीं देते हैं, जो बहुत जरूरी है।

अगर आपका बच्चा अपने क्लास में सबसे ज्यादा नंबर लाता है तो, आपको उसे कुछ इनाम जरूर देना चाहिए। बच्चे को केवल क्लास टॉप करने पर ही नहीं बल्कि, छोटे-छोटे टास्क जैसे एक चैप्टर याद करना या कुछ भी छोटे से टास्क करने पर कुछ न कुछ छोटा इनाम जरूर दें।

बच्चे ईनाम मिलने की ख़ुशी में ही लगन के साथ पढ़ाई करते हैं। अब आपको बच्चे को बोलना नहीं पड़ेगा बल्कि, बच्चा खुद ही इनाम के लालच में पढ़ाई में मन लगाने की कोशिश करेगा।

अगर आप बच्चे को सारी पसंद की चीजें कुछ टास्क पूरा किए ही दिला देंगे तो, आगे से बच्चा कभी भी टास्क पूरा नहीं करेगा। स्कूल में भी बच्चों को टॉफी तभी मिलती है, जब वे रोने के बजाय शांति से चुप रहने का टास्क करते हैं या कुछ याद करके सुनाते हैं।

#5. मोबाइल ज्यादा चलाने को न दें –

माँ-बाप बच्चे को ध्यान न देना पड़े इसलिए बच्चे के हाथ में तुरंत मोबाइल पकड़ा देते हैं। इससे बच्चे की आँखों पर तो असर पड़ता ही है साथ की बच्चों को हर समय कार्टून, मूवी आदि देखने की आदत-सी लग जाती है।

अब अगर आप बच्चे को पढ़ने के लिए बोलते हैं तो, उसका ध्यान हर वक्त कार्टून में ही रहता है इसलिए, हद से ज्यादा बच्चे के हाथ में मोबाइल मत दीजिए। मोबाइल की आदत तो बड़े बच्चों की पढ़ाई को बहुत ज्यादा डिसट्रब करती है, फिर वे तो छोटे बच्चे हैं।

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सबसे अच्छा है की इसके लिए भी एक समय सीमा निर्धारित करें की, केवल एक दिन में आधे या एक घंटे के लिए ही मोबाइल मिलेगा वह भी पढ़ाई के बाद।

#6. कभी-कभी शक्ति करना भी जरूरी है –

बच्चा अगर आपकी बात नहीं मानता है और पढ़ाई से जी चुराता है तो, शुरुआत में ही उसको पूरे अनुशासन में लाने की कोशिश न करें बल्कि, एक-एक आदत को धीरे-धीरे सुधारते चलें।

जैसे आज से पहले आपका बच्चा केवल 1 घंटा ही पढ़ता था और बाकी समय मस्ती करता था तो, आज आप उसको 15 मिनट ज्यादा पढ़ाने की कोशिश कीजिए और अगर उसके अंदर अगर बड़ों की रेस्पेक्ट न करना आदि ऐसी गलत आदत है तो, उसको भी धीरे-धीरे से सही करने की कोशिश कीजिए।

किसी भी बात को लेकर बच्चे पर बहुत ज्यादा दबाब न बनाए लेकिन, छोटी-छोटी बातों पर भी यदि वह आपकी बात नहीं सुनता/सुनती तो अनुशासन के लिए थोड़ी शक्ति भी जरूरी है।

#7. पढ़ने के लिए प्रेरित करें –

पेरेंट्स बच्चे पर पढ़ने का दबाब तो बनाते रहते हैं लेकिन, पढ़ना क्यों जरूरी है और उसको क्यों पढ़ना चाहिए ये बाते नहीं समझाते हैं। केवल डाँटने या पिटाई से बच्चे कभी भी मन से नहीं पढ़ाई करेंगे। पढ़ाई के लिए बच्चों को प्रेरित करें उनको किसी अच्छी चीज के सपने दिखाएं।

जैसे अगर आपके बच्चे ज्यादा छोटे हैं तो, उन्हें कोई बड़ी आधिकारिक पोस्ट या शायद पैसा या कोई महापुरुष उतना ज्यादा पढ़ने के लिए प्रेरित नहीं करेगा जितना, यह करने पर वो प्रेरित होंगे की “अगर तुम अच्छे से पढ़ाई करोगे तो, तुम्हें वीडियोगेम दिलाएंगे।”

बच्चे के पास हर समय पढ़ने का कोई मकसद होगा तभी वह मन से पढ़ाई करेगा। बड़े बच्चों में तो अपने भविष्य को लेकर पढ़ाई के लिए मोटीवेट होने के बहुत सारे कारण बन जाते हैं लेकिन छोटे बच्चों को, आपको कोई न कोई पढ़ाई करने का कारण देना पड़ेगा।

#8. दूसरे बच्चों से कभी तुलना न करें –

माँ-बाप यह शिकायत करते हैं की उनका बच्चा पढ़ता नहीं है लेकिन, ज्यादातर ऐसा होता है। बच्चा अपने हिसाबसे ठीक पढ़ाई कर रहा होता है लेकिन, माँ-बाप पड़ोस के बच्चे से ज्यादा खुद के बच्चे को पढ़ाने के चक्कर में, बच्चे को परेशान करते हैं और खुद भी परेशान रहते हैं।

प्रत्येक बच्चे को उसकी क्षमता के हिसाब से पढ़ाना सही होता है, अगर आप बच्चे को हद से ज्यादा पढ़ाने की कोशिश करेंगे तो, बच्चा पढ़ेगा तो लेकिन समझेगा नहीं, फिर आपको अपना बच्चा कम दिमाग लगने लगेगा इसलिए, दूसरे किसी भी बच्चे को देखकर अपने बच्चे बहुत ज्यादा पढ़ाई के लिए जबर्दस्ती न करें।

हाँ, आप धीरे-धीरे करके बच्चे की पढ़ाई का समय बढ़ाना शुरू कर सकते हैं, जिससे उसकी क्षमता धीरे-धीरे ज्यादा पढ़ने के लिए बढ़ जाएगी।

#9. बच्चे के इंट्रेस्ट को पहचानें –

बच्चे के इंट्रेस्ट को पहचानकर उसे आगे बढ़ाना पेरेंट्स और टीचर की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है, जिसे कम पेरेंट्स ही निभा पाते हैं। आप चाहते हैं की बच्चा केवल आपके या टीचर के डर की बजह से न पढ़े बल्कि, उसका मन भी पढ़ाई करने के लिए करे तो आपको उसके इंट्रेस्ट को समझना चाहिए।

आपके बच्चे को जिस सब्जेक्ट में रूचि हो आप उस सब्जेक्ट को ऐसे समय पर पढ़ाई के लिए रख सकते हैं, जिस समय स्कूल से आने के बाद या ट्यूशन से आने के बाद बच्चे पढ़ना पसंद नहीं करते हैं।

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अगर बच्चे के अंदर कोई टैलेंट है तो, उसके हिसाब से उसको आगे बढ़ाएं बच्चा खुद ही अपने वर्क को लेकर हमेशा उत्साहित रहेगा।

#10. बच्चे को बार-बार समझाएं –

छोटे बच्चे को अगर कोई बात एक बार में समझ नहीं आ रही है तो, उसक डाँटने के बजाय बार-बार समझाने पर ध्यान दें। अगर आप बच्चे को पढ़ाते हुए ज्यादा डाटेंगे तो, बच्चा आगे से आपके साथ पढ़ने नहीं बैठेगा।

#11. बच्चे से दोस्ती करना जरूरी है –

आजकल जो इंग्लिश मीडियम स्कूल होते हैं, उनमें छोटे बच्चों को मैम बहुत ज्यादा नहीं डांटती हैं बल्कि, उनके साथ दोस्त जैसा वर्ताव करती हैं इसलिए बच्चे अपने पेरेंट्स से ज्यादा टीचर की बात सुनते हैं।

प्ले स्कूल में तो मैम बच्चो की सबसे अच्छी दोस्त की तरह होती हैं। अगर आप भी चाहते हैं की आपके कहने पर बच्चा पढ़ाई करने बैठे जो उसके साथ दोस्त जैसा व्यवहार रखें और उसकी प्रत्येक बात पर ध्यान दें।

#13. मेहनत करने पर बच्चे को शाबासी दें –

केवल ईनाम ही नहीं बल्कि, बच्चे जब भी कुछ अच्छा करते हैं तो, माँ-बाप को बच्चों को प्रोत्साहन जरूर देना चाहिए। आप जिस भी कार्य के लिए बच्चे को शाबासी देंगे बच्चे उस कार्य को ज्यादा करने की कोशिश करते हैं तो, अच्छे काम के लिए बच्चे को शाबासी जरूर दें।

Q. खेल के माध्यम से बच्चों को कैसे पढ़ाएं?

छोटे बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने से बच्चे पढ़ते हुए बोर नहीं होते हैं, इसलिए आप उनको गिनती, एल्फाबेट्स आदि याद कराने के लिए कार्टून का सहारा ले सकते हैं या यूट्यूब पर मौजूद बहुत सारी एनीमेशन वीडियोस की मदद से पढ़ा सकते हैं।

Q. बच्चे सबसे अच्छा कैसे सीखते हैं?

बच्चे सबसे अच्छा देखकर सीखते हैं, बच्चों को अगर आप किसी भी चीज को रटाने का प्रयास करते हैं तो, बच्चे का पढ़ाई में इंट्ररेस्ट और ज्यादा कम होने लगता है।

Q. पढ़ते वक्त बच्चे बात नहीं मानते तो क्या करना चाहिए?

सबसे पहले कारण को समझें की बच्चा क्या चाहता है, अगर आप उस कारण को सुनते हैं तो उसके बाद ही निर्णय लीजिए की, आपको क्या करना चाहिए। हो सकता है की बच्चा कोई सही बात बोल रहा हो, आप बच्चे की कुछ बात सुनेंगे तो बच्चा भी आपकी बात सुनेगा।

Q. 5 साल के बच्चों को कैसे पढ़ाया जाता है?

5 साल के बच्चे के साथ बहुत ही दोस्ताना व्यव्हार रखें, बच्चे को कार्टून, कहानी की मदद से अलग-अलग चीजें याद कराने की कोशिश करें।

Q. 3 साल के बच्चे को कैसे पढ़ाया जाता है?

3 साल के बच्चे पर पढ़ाई का बोझ डालने की जल्दी न करें। आप घर पर उसको बातों-बातों में थोड़ा-थोड़ा जैसे – ABCD, फलों के नाम, सब्जियों के नाम आदि पढ़ाना शुरू कर सकते हैं।

लगातार पूछे जाने वाले प्रश्न:

Q. बच्चे मोबाइल मांगे तो क्या करना चाहिए?

कुछ समय के लिए मोबाइल देने में कोई समस्या नहीं है लेकिन, ज्यादा समय के लिए मोबाइल न दें।

Q. बच्चों के दिमाग को कैसे तेज करें?

दिमाग निरंतर अभ्यास से तेज हो जाता है। बच्चा रोज पढ़ेगा तो होशियार हो ही जाएगा।

Q. बच्चे को कितने साल से पढ़ाना चाहिए?

यदि 6 साल का बच्चा फर्स्ट क्लास में पढ़े तो, अच्छा है।

अंतिम शब्द –

आशा करता हूँ की आपको अब बच्चे को पढ़ाने में कोई समस्या नहीं आएगी। अगर आपने पोस्ट में बताई टिप्स को फॉलो किया होगा तो, आपका बच्चा आपका बात भी सुनेगा और उसका पढ़ाई में मन भी लगेगा। इसके अलावा ऐसे कोई तरीके आपको नहीं मिलेंगे जिनसे आपका बच्चा तुरंत पढ़ाई में सबसे होशियार हो जाए या बहुत ज्यादा पढ़ाई करना शुरू कर दे।

इसे भी पढ़ें: अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त करें?

बच्चे थोड़ी-बहुत शरारत करते ही हैं, उनका पढ़ने का मन नहीं करता है इसलिए बच्चों की इन छोटी-छोटी आदतों को लेकर ज्यादा विचार की जरुरत नहीं होनी चाहिए।

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