अरे वाह! दवाई इतने सस्ते रेट पर, यहाँ से खरीदें 3370 की दवाई मात्र 330रु. में

वैसे हम चाहते हैं की आप कभी बीमार न हो लेकिन, फिर भी बिमारी का कुछ नहीं पता रहता।आजकल थोड़ा-सा नजला-जुकाम भी हो जाए तो, दवाई बहुत ज्यादा महँगी आती है और अगर बुखार या और कोई बड़ा रोग हो तो दवाई का खर्च बोझ बन जाता है।

ऐसे में अगर आपको एक सस्ती दूकान का पता चल जाए तो, आपकी आधी परेशानी तो वहीं सही हो जाती है। आज हम आपको ऐसी ही दूकान का पता बताएंगे जहाँ से आप 100 की दवाई 2 रूपये में खरीद पाएंगे। यह दुकाने किसान और गरीब आदमी के लिए वरदान से कम नहीं हैं।

मोदी जी का प्रयास पहुँचा रहा फायदा –

मोदी सरकार के प्रयास से पूरे देश के अंदर जगह-जगह ‘जन औषधि केंद्र’ खोले जाने के बाद बहुत सारे लोगों का दवाई पर होने वाला खर्च आधे से भी कम हो गया है। जी हाँ, यहाँ आपको दवाई बनाने में लगी लागत का मात्र 8-30% ज्यादा पैसा ही देना होता है।

ऐसे में खुद ही दूकान पर जाकर देखेंगे तो आपको यहाँ और बाहर किसी मेडिकल से ली गई दवाई के प्राइस में जमीन-आसमान का फर्क नजर आएगा। यहाँ से छोटे से छोटे रोग से लेकर कैंसर जैसे बड़े रोग की दवाई भी सस्ते दामों पर मिल जाती है।

इन दवाइयों के दाम कम क्यों?

ऐसा नहीं है की जन औषधि केंद्र पर आपको बेकार या कम असर करने वाली दवाई मिलेंगी बल्कि, इन दवाइयों के प्राइस कम होने का कारण यह है की ये जेनरिक दवाई होती हैं, जिस कारण कम दाम पर मिलती हैं।

जेनरिक दवाएँ – जिन दवाओं की पेटेंट अवधि समाप्त हो जाती है, उन्हें ही जेनरिक दवाएं कहते हैं। ये दवा भी ब्रांडेड दवाओं के जितनी ही असर करने वाली होती हैं। इसमें आपको ब्रांडिंग का अतिरिक्त पैसा नहीं देना पड़ता बल्कि, केवल दवाई की लागत और उसका 8-30 प्रतिशत देकर ही आपको दवाई मिल जाती है।

कैसे खरीदें ये सस्ती दवाई –

सोमवार को केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह जी द्वारा यह जानकारी दी गई है की, पूरे देश में लगभग 241 कृषि सहकारी ऋण समितियों द्वारा जन औषधि केंद्र खोले गए हैं। वैसे यह जन औषधि केंद्र ज्यादातर शहरों में खोले जा रहे थे लेकिन, अब गांव के गरीब, किसान आदि को इसका लाभ पहुँचाने की कोशिश जारी है।

अब गांव के लोग भी महंगी महंगी दवा के बदले ये जेनरिक दवाएँ खरीद पाएंगे, इससे गरीब आदमी की की मदद होगी।

गरीबों के बच गए 26,000 करोड़ रु. –

इन जेनरिक दवाओं को खरीदने से बीते 9 सालों में गरीबों के लगभग 26 हजार करोड़ रूपये बचाए हैं। नरेंद्र मोदी सरकार की यह पहल आम लोगों के पैसे बचाने में कारगर है।आपको बता दें की इस समय पूरे देश में 63000 पीएसीएस चल रहे हैं, जो तक़रीबन प्रत्येक छोटे या बड़े सिटी एवं कस्‍बों में ‘जन औषधि केंद्र’ चलाते हैं।

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