स्टूडेंट्स मेडिटेशन कैसे करें, इसके क्या फायदे हैं (जरूर पढ़ें)

1 साल पहले जब कोरोना के कारण पूरे देश में लॉकडाउन था, उस समय से अब तक बच्चे, बूढ़े, जवान सभी के मन में मेडिटेशन, योग, प्राणायाम को लेकर अलग ही जिज्ञासा पैदा हो गयी है।

आज हर कोई मेडिटेशन के फायदे के बारे में जानकार दंग रह जाता है, वह खुद भी यह लाभ लेना चाहता है इसलिए, सीखने की चाह मन में है और हर कोई सीखना चाहता है कि मेडिटेशन कैसे शुरू करें?

देखिए अगर आप बच्चें हैं और मेडिटेशन केवल इसलिए करना चाहते हैं की, इससे आपकी एकाग्रता बढ़ सके, इससे आपकी याद्दाश्त अच्छी हो सके तो, आपको अलग तरीके से मेडिटेशन करना होगा और यदि आप ईश्वर की खोज में हैं, अपने आप को जानना चाहते हैं, तो आपके पास मेडिटेशन के और भी तरीके हैं।

आज हम केवल विद्यार्थियों के लिए मेडिटेशन की बात करेंगे और आपको विस्तार से बताएंगे की, आपको किस तरह से अपने मन को अपने वश में करने की प्रक्रिया को शुरू करना है?

विद्यार्थी मेडिटेशन कैसे करें?

मेडिटेशन को बहुत सारे लोग अलग-अलग तरीके से करते हैं और सबके अलग-अलग फायदे भी है। सभी में सबसे आसान तरीका है की आपको अपनी श्वास पर ध्यान देना है और मन में किसी भी विचार को आने नहीं देना है।

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शुरुआत में विचार तो आएँगे ही लेकिन, आपको उन विचारों में अपने आपको सतर्क रखना है और अपने मन को उन विचारों से हटाकर अपनी श्वास पर लगाना है।

आपको शुरुआत में ऐसा करने में बड़ी परेशानी होगी क्योंकि, आप मन को जितना ज्यादा शांत रखने की कोशिश करेंगे यह उतना ज्यादा इधर-उधर की चीजों के बारे में सोचने लगेगा।

सबसे पहले आपको सुखासन में बैठ जाना है, ध्यान रहे आपकी रीढ़ सीधी होनी चाहिए। अब आपको श्वास को महसूस करना है की श्वास आपके नाक से होते हुए शरीर में कहाँ-कहाँ जा रही है। 

जैसे ही आपके मन में कोई विचार आता है, आपको उस विचार  पर अपना पूरा ध्यान ले जाना है और जो विचारों की चैन हमारा मन किसी भी एक चीज को सोचकर बनाना शुरू कर देता है, आपको उस चैन को तोड़ देना हैं। उसके बाद फिर से श्वासों पर ध्यान…

आपको उस चीज से बार-बार मन को हटाकर श्वास पर लगाने से आपका मन कुछ समय बाद आपकी श्वासों पर केंद्रित करने से भागना कम हो जाएगा।

मेडिटेशन किस समय करना ज्यादा सही रहता है?

अगर आप ध्यान को सुबह के समय करते हैं तो, यह आपके लिए ज्यादा लाभदायक हो सकता है लेकिन, शुरुआत में आप इसे शाम के समय करेंगे तो ज्यादा अच्छा होगा क्योंकि, जब आप शुरू में अपने मन को एक एक जगह बांधने की कोशिश करेंगे तो, आपको नींद आने शुरू हो जाएगी।

आपका बिल्कुल भी मन नहीं करेगा की आप लम्बे समय तक ध्यान करें जबकि, अगर आप शाम के समय ‘ध्यान’ करते हैं तो, आपको नींद उतनी ज्यादा नहीं आएगी। ध्यान रखना की, आपको ‘ध्यान’ के बाद भी सोना नहीं है।

मेडिटेशन कौन-कौन कर सकता है?

प्रत्येक व्यक्ति जो अपने मन को अपने वश में करना चाहता है, वह चाहता है की वह हर वो काम कर सके जो वो करना चाहता है लेकिन, उसको आलस बहुत आता है या मन में एकाग्रता नहीं है, ऐसे व्यक्ति के मेडिटेशन बहुत जरूरी और फायदेमंद प्रक्रिया है, आपको इसका लाभ उठाने से चूकना नहीं चाहिए।

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यह पोस्ट हमने मुख्यतः विद्यार्थियों के लिए लिखी है, इसलिए यदि आप एक विद्यार्थी हो तो आपको तो ‘ध्यान’ जरूर ही करना चाहिए। इसको करने के ढेरों फायदे हैं, जो नीचे बताए गए हैं।

मेडिटेशन करने के क्या फायदे हैं?

मेडिटेशन करने के अनगिनत फायदे हैं लेकिन, विद्यार्थी जीवन में आपको जो फायदे मिलते हैं, वो निम्नलिखित हैं –

  • आप अपने मन को काबू कर पाते हैं।
  • आपको आलस कम आएगा  समय बाद यह बहुत ही कम हो जाएगा।
  • आपको गुस्सा आना कम हो जाएगा।
  • आप हमेशा खुश महसूस करेंगे।
  • आप जल्दी से किसी भी चीज को समझ सकेंगे क्योंकि, आपकी फोकस करने की शक्ति बढ़ेगी।
  • आप कम सोकर भी ऊर्जावान महसूस करेंगे।
  • जल्दी याद होना शुरू हो जाएगा।
  • किसी भी समस्या का समाधान आप जल्दी निकाल पाओगे।
  • अपने लक्ष्य पर केंद्रित होकर काम कर सकोगे।

मेडिटेशन के फायदे कब मिलने शुरू होंगे?

आपको मेडिटेशन करने के फायदे तो पहले दिन से ही मिलने शुरू हो जाते हैं लेकिन, आपको वह कुछ महीनों में महसूस होने शुरू होते हैं।

कुछ लोगों को मेडिटेशन करने के 6 महीने बाद ही अपने स्वाभाव में आ रहे बदलाब साफ़ नजर आ जाते हैं, जबकि कुछ लोगों को यह बदलाब नोटिस करने में 1 साल तक लग जाता है।

आपको लाभ तभी मिलेंगे जब  तरीके से ध्यान करेंगे। तो शुरुआत में ही लाभ के बारे में ज्यादा न सोचते हुए मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या में इस तरह से शामिल कर लें जैसे, आप सुबह उठकर मुँह धोते हैं, पूजा करते हैं, वैसे ही ‘ध्यान’ भी आपके लिए आपकी दिनचर्या का हिस्सा बन जाना चाहिए।

मेडिटेशन करने का मन न करें तो क्या करें?

शुरुआत में यह समस्या सभी के साथ होती है, जो इससे लड़कर आगे निकल जाते हैं, वे अपने मन को वश में करने में कामयाब हो जाते हैं लेकिन, जो लोग उस समय हार मान लेते हाँ और बीच में ही ध्यान करना छोड़ देते हैं, ऐसे लोग कभी मेडिटेशन के लाभ नहीं उठा पाते हैं।

जब भी आपका मन मेडिटेशन करने के लिए नहीं कर रहा है आपको एकदम शांत होकर बैठ जाना है, आप चाहें तो आँख बंद कर सकते हैं और चाहें तो आखें खुली भी रख सकते हैं और आपको उस समय अपने मन में चल रहे मेडिटेशन न करने वाले विचारों पर ध्यान लगाना है।

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थोड़ी देर बाद आपका जो मन ध्यान करने को नहीं कर रहा था उसका नहीं करने वाला वेग कम हो जाएगा अब आप आँखें बंद करके आसानी से ध्यान कर पाएंगे।

मेडिटेशन करते वक्त सबसे बड़ी गलती –

मेडिटेशन करते वक्त बहुत सारे लोग आधी नींद में पहुँच जाते हैं, जहाँ वे बहुत देर तक अलग ही ख्यालों में चले जाते हैं और बहुत देर के बाद उन्हें पता चलता है की, उन्हें तो अपने विचारों पर ध्यान देना  है और अपनी श्वास पर ध्यान देना है।

ऐसी गलती बहुत सारे लोग रोज करते है, फिर कहते हैं की बहुत समय हो गया है लेकिन, ध्यान करने के कुछ भी फायदे नहीं मिल रहे हैं, अगर आप भी इस तरह ध्यान करेंगे तो, बर्षों तक ध्यान करने पर भी आपको फायदा नहीं होगा।

मेडिटेशन कितने समय तक करना है?

शुरुआत में आपको ज्यादा देर तक मेडिटेशन करने का मन नहीं करेगा और आपको 5 मिनट मेडिटेशन करने में भी आलस आएगा और शायद नींद आने की समस्या भी हो लेकिन, आपको 5 मिनट से कम मेडिटेशन कभी नहीं करना है और इस समय को समय के साथ-साथ बढ़ाते जाना है और 2 महीने आते-आते इस समय को कम से कम आधा घण्टा तक ले जाना है।

जब आप एक बार 10 मिनट तक मेडिटेशन कर लेते हैं तो, यह नियम रखें की अब किसी भी दिन 10 मिनट से कम नहीं बल्कि ज्यादा समय ही मेडिटेशन होना चाहिए।

अंतिम शब्द –

अगर आप विद्यार्थी हैं तो ये तरीका आपकी स्मरण शक्ति को जरूर बढ़ाएगा और आपको मेडिटेशन के ढेरों फायदे होंगे। आपको शुरू में ऐसा जरूर लग सकता है, की रिजल्ट नहीं आ रहे हैं या आपको आलस भी आएगा और ध्यान करने का मन नहीं करेगा लेकिन, आपको अपने रोज मेडिटेशन करने के नियम को तोड़ना नहीं है और न ही ध्यान का समय कम करना है।

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आपको समय के साथ-साथ अपने ध्यान करने  समय को बढ़ाते जाना है और जैसे की मैं आपको बता चुका हूँ की, इस समय को 5 मिनट से बढ़ाते-बढ़ाते 1 घण्टे तक ले जाना है, आपको कम से कम 6 महीने तक ऐसा लग सकता है है की, कुछ फर्क नहीं पड़ रहा है लेकिन, जब आप इसे 1 साल एक कर लेंगे उसके बाद आपको कोई मेडिटेशन करने के लिए मना भी करेगा फिर भी आप इसको नहीं छोड़ेंगे।

आपके लिए मेडिटेशन के उपरोक्त फायदे मिलने कब शुरू हो जाएंगे, यह बात पर निर्भर करता है की आप कितनी ईमानदारी के साथ मेडिटेशन करते हैं। अगर आप केवल दिखावे के लिए ये सब करेंगे तो, आपको कई साल तक मेडिटेशन करने पर भी इसके फायदे नहीं मिलेंगे लेकिन, यदि आप पूरी ईमानदारी दे ध्यान करते हैं, तो आप 1 साल बाद खुद भी लोगों को मेडिटेशन के फायदे गिनाने लगेंगे।

आशा करता हूँ आप मेरी बात को अच्छे से समझ पा रहे होंगे और आप भी आज से ही मेडिटेशन को शुरू करने वाले हैं, अगर आपके मन में ‘ध्यान’ को लेकर अब भी कोई प्रश्न है तो, आप कमेंट कर सकते हैं और अपना प्रश्न का उत्तर जान सकते हैं।

साथ ही आप इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर भी कर सकते हैं, ताकि आपके साथ पढ़ने वाले सभी स्टूडेंट ‘ध्यान’ करने के फायदों के बारे में जान सकें और वह भी इसका लाभ उठा

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