गुजरात ने कर दिया कमाल, बिजनेस जगत में बन रहा और भी शक्तिशाली

बिजनेस क्षेत्र में गुजरात देश के अंदर अपनी एक अलग पहचान बनाए हुए हैं, बीते दो दशकों की बात करें तो चाहे कपड़ा उद्योग हो औषधि या हीरा उद्योग आदि में गुजरात प्रगति के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

वर्ष 2012 में शुरू हुई कपड़ा नीति का ही असर है की, गुजरात इस समय पूरे देश के डेनिम कपड़े के उत्पादन में 60% से अधिक उत्पादन कर रहा है। कपड़ों के मामलों में यह भारत ही नहीं विश्व में अपन एक अलग पहचान बना रहा है।

कपडा नीति के बाद से अभी तक कपड़े के निर्यात में लगभग 2.3 गुना बृद्धि हो चुकी है। जानकारों का कहना है की कपड़े के क्षेत्र में तेजी से प्रगति, गुजरात के आर्थिक विकास में अहम योगदान दे रही है।

मत्स्य के निर्यात में गुजरात का योगदान –

1 साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 5 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए भारतवासियों को एक अहम बात बताई गई थी। उन्होंने अपने एक कार्यक्रम में जनता से यह बोला था की, हमें अपने भविष्य का फायदा लेने के लिए स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला में इन्वेस्ट करना होगा। उन्होंने इसे विकसित भारत का रास्ता बताया था।

अभी के आकड़े बताते हैं की गुजरात इस समय मछली पालन के क्षेत्र में भी काफी प्रगति कर रहा है। आपको बता दें की भारत के मत्स्य निर्यात में लगभग 17% योगदान गुजरात का भी है। अगर बर्ष 2020-21 के बीच गुजरात में मछली उत्पादन को देखें तो यह 8.74 लाख टन है।

दवा-चिकित्सा के क्षेत्र में बढ़ता गुजरात –

चिकित्सा के क्षेत्र में गुजरात की प्रगति का अनुमान आप इस बात से लगा सकते हैं की, चिकिस्ता उपकरणों को बनाने में गुजरात का योगदान 53% है। इसके अलावा हार्ट से संबन्धित रोग में जो शरीर में जो स्टेंट लगाए जाते हैं, उनमें से 78% का निर्माण भी गुजरात ही करता है। इस तरह के उपकरण बनाने के क्षेत्र में 50000 से ज्यादा लोगों को रोजगार भी मिलता है।

देश की कुल दवा-निर्यात में गुजरात 28% योगदान देता है, इस बात का जिक्र गुजरात के मुख्यमंत्री(भूपेन्द्र पटेल) द्वारा भी अपने एक कार्यक्रम में किया जा चुका है।

हीरे के व्यापारी भी आपको गुजरात में बहुत ज्यादा देखने को मिलेंगे। सूरत में हीरा व्यापार और आभूषण का बाजार पूरे विश्व के सामने गुजरात की एक मजबूत छवि को प्रदर्शित करता है।

गुजरात में एक और नयी शुरुआत –

सेमीकंडक्टर नीति पूरे विश्व की बड़ी-बड़ी कंपनियों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है, जानकार बताते हैं की आने वाले समय में इस नीति से गुजरात, सेमीकंडक्टर उत्पादन के क्षेत्र में पूरी दुनिया में अपना नाम बनाने वाला है।

अब भारत को सेमीकंडक्टर के लिए किसी अन्य देश पर निर्भर नहीं रहना होगा, इससे गुजरात के साथ-साथ पूरा देश आत्मनिर्भर बनने के पथ पर तेजी से आगे बढ़ता दिख रहा है।


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