कुछ समय पहले प्राइवेट नौकरी करने वाले रणवीर अपने परिवार का खर्चा बड़ी मुश्किल से चला पाते थे लेकिन, आज से लगभग 25 साल पहले उन्होंने मशरूम की खेती करने का जो निर्णय लिया वह उनके लिए बहुत बेहतरीन साबित हुआ।
अन्य लोगों को दे रहे रोजगार: इस समय रणवीर जी मशरूम की खेती के बारे में काफी सारा अनुभव ले चुके हैं, इसलिए उनकी प्रतिवर्ष का मुनाफा भी 6 से 7 लाख रूपये तक का है। इसके अलावा यह लोगों को रोजगार भी प्रदान कर रहे हैं, आज उनके अंडर लगभग 6 से 7 लोग काम करते हैं।
हरियाणा के रहने वाले रणवीर जी उन सभी किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो किसी भी नयी तरह की खेती करने से बहुत ज्यादा पीछे हटते हैं और कुछ भी नया करने के बारे में नहीं सोचते।
मशरूम की डिमांड ज्यादा क्यों?
मशरूम की डिमांड ज्यादा इसलिए है क्योंकि इसका इस्तेमाल केवल भोजन में नहीं बल्कि दवाई में भी किया जाता है। भोजन में भी बहुत तरह की चीज बनाने में उसको इस्तेमाल करते हैं, जैसे की पापड़, अचार, बिस्किट, टोस्ट, इसके के अलावा भी बहुत तरह के खाने-नाश्ते बनाने में इसका इस्तेमाल करते हैं।
भारत में मशरूम को अलग-अलग जगह पर अलग-अलग नाम से बुलाया जाता है जैसे खुम्भी, भमोड़ी, गुच्छी इसके अलावा और भी काफी सारे नाम हैं।
इसके अलावा मशरूम के पापड़, जिम का सप्लीमेन्ट्री पाउडर, अचार, बिस्किट, टोस्ट, कूकीज, नूडल्स, जैम (अंजीर मशरूम), सॉस, सूप, खीर, ब्रेड, चिप्स, सेव, चकली
मिलता है बहुत अच्छा मुनाफा –
किसकी डिमांड इतनी ज्यादा है जिस वजह से पिछले कुछ सालों में किसानों ने मशरूम की खेती की ओर ध्यान देना शुरू किया है, जिसके चलते बहुत सारे किसान कम लागत में भी इस खेती को करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
जबकि नुकसान उठाने वाले किसानों की संख्या भी काम नहीं है, जिसमें नुकसान का मुख्यतः कारण सही जगह से प्रशिक्षण न लेना है।
नुकसान से ऐसे बचें: किसानों को सलाह दी जाती है कि बिना प्रशिक्षण के इस तरह की खेती को न किया जाए अगर आप ऐसी किसी खेती को करना चाहते हैं तो कृषि विज्ञान केंद्र से प्रशिक्षण लें ताकि नुकसान से बचा जा सके।